Nojoto: Largest Storytelling Platform

कुछ यादें जब बहुत दुखती हैं बरबस तुम याद आते हो कभ

कुछ यादें जब बहुत दुखती हैं
बरबस तुम याद आते हो
कभी हर मौसम बसंत था
ख़ुशियों का न कोई आदि न अंत था
ओस से भीगी घास पर
नंगे पाँव का हस्ताक्षर
ज़मीं पर वक़्त जैसे पतंग था
अब तो दूब भी पैरों में चुभती है
ऐसे में बरबस तुम याद आते हो
निःशब्द हैं रास्ते
क़दम निढाल हैं
चलते चलते जब साँसें रुकती हैं
बरबस तुम याद आते हो.

©malay_28 #रुकती साँसें
कुछ यादें जब बहुत दुखती हैं
बरबस तुम याद आते हो
कभी हर मौसम बसंत था
ख़ुशियों का न कोई आदि न अंत था
ओस से भीगी घास पर
नंगे पाँव का हस्ताक्षर
ज़मीं पर वक़्त जैसे पतंग था
अब तो दूब भी पैरों में चुभती है
ऐसे में बरबस तुम याद आते हो
निःशब्द हैं रास्ते
क़दम निढाल हैं
चलते चलते जब साँसें रुकती हैं
बरबस तुम याद आते हो.

©malay_28 #रुकती साँसें
malay285956

malay_28

New Creator