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मेरी हर खुशी तुम थे, मेरी जिंदगी तुम थे, तुम तो थे

मेरी हर खुशी तुम थे,
मेरी जिंदगी तुम थे,
तुम तो थे हमारी सारी ही दुनिया,
दुनिया ने सताया है,
क्या नहीं सुनाया है,
जैसे हमने कोई गुनाह है किया,
तुम नहीं तो कोई नहीं अपना है,
जिंदगी कुछ नहीं बस सपना है,
बाहों में न झुलाया है,
आंचल में न सुलाया है,
ऐसी थी हमारी तकदीर ही कहां,
जिंदगी मुसकराए,
बिगड़ी बात बन जाए,
दिखती नहीं ऐसी तसवीर ही यहां,
दिन रात यादों में बस तपना है,
जिंदगी कुछ नहीं बस सपना है,
........
जयंती बाजपेई

©jayanti bajpai
  मेरी जिंदगी

मेरी जिंदगी #Poetry

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