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आवाज न देना,याद न करने की कोई बजह तो नहीं, खामोशिय

आवाज न देना,याद न करने की कोई बजह तो नहीं,
खामोशियों के पहरे ने तेरी यादों को अब जकड़ रखा है। #यांदें#
आवाज न देना,याद न करने की कोई बजह तो नहीं,
खामोशियों के पहरे ने तेरी यादों को अब जकड़ रखा है। #यांदें#