मन्ज़िल भी अपनी थी रास्ते भी अपने थे वो जो हमसफ़र साथ चलता था सायद वो भी अपना था पर क्या पता था यूँ अधूरे से रास्ते मे छोड़ देगा ,एक बेवक़्त पेशानी से .. हं मैं ही तो था वो Hindi Nojoto Rameswari Mishra