मन का दीप नफरतें न हों किसी के लिए, मन में यूँ मन का दीप तुम जलाना। खुशी तुम्हें भी मयस्सर होगी, मन में रखना दुआओं का खजाना। मोहब्बत लुटाओ किसी पे, याद रखना इंसानियत का पैमाना। दिवाली बेशक मनाओ, मगर किसी का दिल न जलाना।। खुशियों में मस्त रहो चाहे, मगर तुम किसी का दिल न दुखाना तुम मिलो आकर घर हमारे, मगर कभी हमें भी अपने घर बुलाना। मगर किसी का दिल न जलाना। #Diwali #मनकादीप #मनदीप