समंदर शराब होते तो कितने फसाद होते ? हकीक़त होते ख्वाब तो कितने फसाद होते ?? किसके दिल में क्या छुपा, ये खुदा ही जानता है । गर दिल बेनक़ाब होते तो कितने फसाद होते ?? ख़ामोशी फितरत हमारी थी, बरसों निभा गई ? हमारे मुंह में जवाब होते तो कितने फसाद होते ?? हम अच्छे थे पर लोगों की नज़र में बुरे रहे ? हम सच में खराब होते तो कितने फसाद होते ?. . दत्तात्रेय दीक्षित #समंदर #सराब #होते