जिसको इश्क हो जाये भला कैसे वो सोएगा, कभी मुस्काएगा छुपकर कभी तकिया भिगोएगा। बनो न इतने नादां तुम जरा समझा करो बातें, गले मिलकर जो इतना रोया है बिछड़ के कितना रोएगा। #नवनीत शर्मा #नवश