तहखाना सा बन गया दिल हर बात छुपा कर रखता है जो बीत गयीं बस बातों में वो रात छुपा कर रखता है तेरे हाथों की वो नरमी ज़ुल्फ़ों की भीनी खुशबू सांसो की तेरी गरमी और आंखों का वो जादू बातें ,यादें न जाने कितने एहसास दबा कर रखता है तहखाना सा बन गया दिल हर बात छुपा कर रखता है ©Rachit Kulshrestha Dil ki baat rachit kulshrestha ke sath#dilkibaat #Rachitkulshrestha Poetrywithakanksha