हमनें आप मे खुशियाँ हजार देखी थी ।उम्र की अंतिम बहार देखी थी।पर तुम्हे ऐसी लगी जमाने की नजर मेरी वफा मे भी गुनाह ए नजर देखीथी गुनाह ए वफा