मुसलसल आंसुओं की फौज लेकर, मैं सूरज को बुझाने जा रहा हूँ... ये दुनिया अब किसी क़ाबिल नहीं है क़यामत को बुलाने जा रहा हूँ... #कबीर..... #क़यामत