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आयशा वो कहते हैं कि औरत कभी हो नहीं सकती बच्ची 

आयशा

वो कहते हैं कि औरत

कभी हो नहीं सकती बच्ची 

अरे वो तो महज एक 

जमीन है कच्ची 

जिसपे जो चाहे ,जब चाहे

जोते हल,और चुक जाए तो दे दे अन्य किसी मेहनतकश को लीज पर 

या उगाता जाए फसल पर फसल

वो साठ की उम्र में भी पुरुष 

तू छः की नन्ही सी उम्र में भी औरत

तू नहा धोकर भी रस्ते की ख़ाक,नापाक

वो तेरे जिस्म से बुजु कर भी कहलाता है  पाक
sapna manglik #kavita#muslimwoman#kranti#sadahaqittherakh
आयशा

वो कहते हैं कि औरत

कभी हो नहीं सकती बच्ची 

अरे वो तो महज एक 

जमीन है कच्ची 

जिसपे जो चाहे ,जब चाहे

जोते हल,और चुक जाए तो दे दे अन्य किसी मेहनतकश को लीज पर 

या उगाता जाए फसल पर फसल

वो साठ की उम्र में भी पुरुष 

तू छः की नन्ही सी उम्र में भी औरत

तू नहा धोकर भी रस्ते की ख़ाक,नापाक

वो तेरे जिस्म से बुजु कर भी कहलाता है  पाक
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