तेरे कंगन मेरे कंगन से खेलता था मेरे झुमके से खेलता था अपने हाथों में ले के हाथ मेरा हाथ चूमता था ।। उंगलियों से अपनी सुलझाता था मेरी उलझी जुल्फें इबादत की तरह शिद्दत से वो मोहब्बत करता था ।। बस देखता ही जाता था मुझे बिना पालक झपकाए मेरी गोद में रख के सर अपना वो पेहरो गुज़ारता था ।। मिलने को तरसता था मुझे कहीं जाने ना देता था अपनी मोहब्बत का अक्सर मुझसे इकरार करता था ।। फिर यूं हुआ के खो गया वो कहीं दुनिया का भीड़ में मेरा वो सनम जो मुझे कभी खोने से डरता था ।। #Kangan #Nojotohindi #Nojotonews