वो अब नहीं मिली तो तब क्या मिलेगी जब आबशार सूख कर ज़िल्द हो जाएंगे और पैरों पर पड़ी बिवाइयों पर फ़ातिहे लिखे होंगे वो जो अब नहीं मिली जब अना का फासला है वो अब नहीं मिली जब हिज़्र नीम है वो अब नहीं मिली जब टीस सुलगती है वो अब नहीं मिली जब पुल दरकते हैं वो तब कैसे मिलेगी जब चेहरे बदल जाएंगे वो तब कैसे मिलेगी जब पतों का पता नहीं मिलेगा वो तब कैसे मिलेगी जब मैं ना मैं रहूँगा वो तब कैसे मिलेगी जब वो ख़ुद को भूल जाएगी फिर क्यों सिलसिला ये मातम का ये इद्दतों की बातें ये सरकारी सी दलील मैं तैनू मिलांगी चुटकी भर ईमान तुम इस रुखसती में भर लो मैं फिर तैनू कभी नहीं मिलांगी ©Mo k sh K an ~regenta moradabad #mikyupikyu #Moradabad #shonameetha #DareToSpeak #Blitzed