तेरी याद में मेरे आंसु अब समंदर हुए तेरी फ़रियाद में हम सलाखों के अंदर हुए क्या खबर थी,इस जालिम को उल्फत में न जाने कितने प्रेमी जमाने में अंदर हुए .. न जाने कितने मकान अबतक खंडर हुए.. ©sanjay " jalim" प्रेमी