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वो भी आया था बस कुछ चंद सपनो को लेकर माना राहे अं

वो भी आया था बस कुछ चंद सपनो को लेकर 
माना राहे अंजान थी सारी ,पर बनाई पहचान उसने अपनी मेहनत से ता उम्र बन कर 

फिर भी क्यू छोड़ गया वो हमको ,
ज़िंदगी को अपनी बस एक राज बन कर 

चेहरे से खुशिओं का सागर सा लगता था 
पर फिर आखिर क्यू उससे अनजान थे सब एक जान बन कर 

चला गया वो आज पर सिखा गया बहुत कुछ ,
ज़िंदगी का एक पाठ बन कर 

पैसा ,शोहरत ,गाड़ी ,बंगला कुछ मायने नही रखता ,
क्यू इंसान सब पाकर भी अकेला सा रहे जाता है बस एक अंधेरा सा बनकर 

क्या था उसके ज़हन मे ऐसा ,
जो अपनों का भी नहीं सोचा उसने सबसे पराया बन कर 

क्या भीड़ मे भी इतना अकेला था वो ,
कि कोई रास्ता नहीं बचा ,खो गया अपनी ज़िंदगी एक डर के साए में ऐसे बेमौत मर कर 

खुशियां सदा नहीं रहती ,न दुख सदा रहते है ,
फिर भी क्यू झूल गया वो दुनिया को ऐसे अलविदा केहे कर 

क्या ज़िंदगी इतनी सस्ती थी उसकी ,
कि अपनों का भी नहीं सोचा उसने ज़िंदगी से हार समज कर 

क्यू ज़िंदगी के हर मुकाम को पाकर भी 
इतनी सस्ती करदी जान उसने ,
ऐसे आत्महत्याएं बन कर 

काश उसने सोचा होता ,
कोई तो है उसका अपना सा बन कर ,
ज़िंदगी के सफर में आगे बड़ा था वो जिन अपनों का हाथ पकड़ कर 

क्यू छोड़ दिया आज उसने सबका साथ, 
वो तो चला गया बस अपना सोच के,
 क्यू छोड़ गया वो हमे  ता उम्र बस यादों का एक  महल बन कर 

--barkha tomar #SushantSinghRajput kuch words ese great actors k liye joaj hme bhut kuch sikha gye
वो भी आया था बस कुछ चंद सपनो को लेकर 
माना राहे अंजान थी सारी ,पर बनाई पहचान उसने अपनी मेहनत से ता उम्र बन कर 

फिर भी क्यू छोड़ गया वो हमको ,
ज़िंदगी को अपनी बस एक राज बन कर 

चेहरे से खुशिओं का सागर सा लगता था 
पर फिर आखिर क्यू उससे अनजान थे सब एक जान बन कर 

चला गया वो आज पर सिखा गया बहुत कुछ ,
ज़िंदगी का एक पाठ बन कर 

पैसा ,शोहरत ,गाड़ी ,बंगला कुछ मायने नही रखता ,
क्यू इंसान सब पाकर भी अकेला सा रहे जाता है बस एक अंधेरा सा बनकर 

क्या था उसके ज़हन मे ऐसा ,
जो अपनों का भी नहीं सोचा उसने सबसे पराया बन कर 

क्या भीड़ मे भी इतना अकेला था वो ,
कि कोई रास्ता नहीं बचा ,खो गया अपनी ज़िंदगी एक डर के साए में ऐसे बेमौत मर कर 

खुशियां सदा नहीं रहती ,न दुख सदा रहते है ,
फिर भी क्यू झूल गया वो दुनिया को ऐसे अलविदा केहे कर 

क्या ज़िंदगी इतनी सस्ती थी उसकी ,
कि अपनों का भी नहीं सोचा उसने ज़िंदगी से हार समज कर 

क्यू ज़िंदगी के हर मुकाम को पाकर भी 
इतनी सस्ती करदी जान उसने ,
ऐसे आत्महत्याएं बन कर 

काश उसने सोचा होता ,
कोई तो है उसका अपना सा बन कर ,
ज़िंदगी के सफर में आगे बड़ा था वो जिन अपनों का हाथ पकड़ कर 

क्यू छोड़ दिया आज उसने सबका साथ, 
वो तो चला गया बस अपना सोच के,
 क्यू छोड़ गया वो हमे  ता उम्र बस यादों का एक  महल बन कर 

--barkha tomar #SushantSinghRajput kuch words ese great actors k liye joaj hme bhut kuch sikha gye