साथियों लड़ना होगा, हमें लड़ना होगा। मिलती रोटियां जब छीन जाती हाथों से। फुसलाये जाते हो मीठी-मीठी बातों से। इंकलाब का नारा अपना गढ़ना होगा। साथियों लड़ना होगा, हमें लड़ना होगा। जिंदगी गुजर रही जुल्मों को सहते हुए। पुरखे खाये थे हमारे, गोलिया लड़ते हुए। अब हमें ही तीर-कमान पकड़ना होगा। साथियों लड़ना होगा, हमें लड़ना होगा। जब आती है हको को मिलने की बारी। जाति-धर्मो में उलझाने की करते तैयारी। हर भेड़- चाल उनकी समझना होगा। साथियों लड़ना होगा, हमें लड़ना होगा। -जेपी हंस (www.jphans.in) ©JP Hans #Kranti #jp_hans #jp_diary #Flower