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White तेरे जाने के बाद काश कुछ बदला होता, रोज साम

White तेरे जाने के बाद 
काश कुछ बदला होता,
रोज साम ढलती है
अंधेरा भी होता है
या तो चिड़िया चहकना बंद कर देती
या आसमान से फूल बरसते
नहीं तो शरीर सास लेना बंद कर देता
सब कुछ वैसा ही चलता आ रहा है
जैसे चलता आ रहा था
हा कभी सांसे भारी लगने लगती है
और गले से निवाला नहीं निकलता
शायद में बूढ़ा हो रहा हु
या शायद
 आइना झूठी तस्वीरें दिखाता हैं

©बदनाम शायद
White तेरे जाने के बाद 
काश कुछ बदला होता,
रोज साम ढलती है
अंधेरा भी होता है
या तो चिड़िया चहकना बंद कर देती
या आसमान से फूल बरसते
नहीं तो शरीर सास लेना बंद कर देता
सब कुछ वैसा ही चलता आ रहा है
जैसे चलता आ रहा था
हा कभी सांसे भारी लगने लगती है
और गले से निवाला नहीं निकलता
शायद में बूढ़ा हो रहा हु
या शायद
 आइना झूठी तस्वीरें दिखाता हैं

©बदनाम शायद