दो पहर कभी मुझसे वो मिला नहीं पहले। पूछता रहा उससे ख़ुद खुला नहीं पहले।। मुझको दोस्ती का भी दे रहा है ताना वो। जो कभी गले भी मुझ से मिला नहीं पहले।। © कमल कर्मा"के.के." मिला नहीं पहले