कमलेश नहीं खुले अभी,भीतर के पट, तभी तो पार कराने वाला न मिला केवट बनना पड़ता है उसके लिए त्यागी श्रीराम हमें रावण पथ पर बड़ने में भी कहाँ विराम ©Kamlesh Kandpal #Bhitar