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फुटकर फुटकर जिंदगी, जैसे बिखरे ताश जैसे बिखरे ताश

फुटकर फुटकर जिंदगी, जैसे बिखरे ताश
जैसे बिखरे ताश कि है ये रीत निराली
कभी जिंदगी गरल, कभी है मधु की प्याली
और कभी बगिया में जैसे, फूलों की बिखरी डाली
बगिया का क्या दोष जो तू काँटे करे तलाश
फूटकर फूटकर जिंदगी, जैसे बिखरे ताश

©Ajoy das
  dil khol ka zindagi jeyo #banjaranlife
ajoy6104062654654

Ajoy das

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dil khol ka zindagi jeyo #banjaranlife

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