तुमको लिखा है जब भी मैने नैना- छलक गये समझा नहीं हूँ आज तक क्यों ही ये बरस गये माना कि तुमसे यार है इक गहरा -लगाव ही आकर के इसके फेर में हम खुद में निखर गये ना ही किया है जाहिर कुछ दुनियाँ की भीड़ में कैसे -कहें कि ओ यार हम खुद में संभल गये तुमको लिखा है जब भी मैने नैना -छलक गये आया- नहीं है ये समझ क्यों हम -सिमट गये तुमसे लगा के दिल ये सनमहम चैना गँवा गये जानते थे हम- सनम कि कुछ भी ना है कहीं फिर भी करीब आके सनम खुद को मिटा गये दिल में छिपा अब तलक जो सबको बता गये तुमको लिखा है जब भी मैने नैना -छलक गये अब क्या बतायें तुमको सनम कितना बदल गये ©ANOOP PANDEY #अहसास🥰 Sweety mehta