Nojoto: Largest Storytelling Platform

पल्लव की डायरी हो अब उदित नूतन सूरज आभा सब मे खुशि

पल्लव की डायरी
हो अब उदित नूतन सूरज
आभा सब मे खुशियों की जगा दे
कुचक्र व्यवस्थाओं का मिटा दे
हो प्रकाश मन मे ऐसा
अंधेरा दीन दुखियों का मिटा दे
प्रयास थोडा भी करे
जीवनयापन उसका चला दे
लालचों में घिरे बैठे है कुचक्र लेकर
उनका पागलपन तू गला दे
धरती पर एक नया प्रभात ला दे
                                            प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"
  #surya धरती पर एक नया प्रभात ला दे
#nojotohindi

#surya धरती पर एक नया प्रभात ला दे #nojotohindi #कविता

905 Views