तेरा यू देखना मुझको कयामत यार लाता है तेरा यू महु मोड़ के जाना मुझे कितना सताता है तेरी हर एक अदाओं का दिवाना हो चला में तो बड़ा नादान हैं दिल मचल हर बार जाता है महोब्बत हो जाने पर समझ में यार आता है मरिजे-इश्क़ को फिर कब कोई दवा का असर हो पाता हैं तडफ़ बरक़रार रहती है बिना दीदार के तेरे कली सा खिल जाता है दिल जब दीदार तेरा हो जाता है जब देखना तेरा मुझको घायल सा यार करता है जब तीरे नजर तेरा दिल के पार लगता है मिलेगी एक रोज मंजिल मझको महोब्बत की राहों में धडक़ के दिल हर बार मेरा मुझको यही जताता हैं #यारमेरा#