"पाव" मुंबई का दिल "वडा़पाव" है तो उसकी धडकन कौन है? धड़कन है "पाव" महाशय। इनके बिना मुंबईकरों का जीना मुश्किल है। अपने India में किसी और शहय में ये "पाव" इतने बिकते नहीं होंगे जितने बनते,बिकते और खाये जाते है यहाँ। वडा़पाव,मिसल पाव,उसल पाव,आॉम्लेट पाव,भुर्जी पाव,भजी पाव,पाव भाजी.. .. ऐसे कितने प्रकार से इसे खाया जाता है। कहते है ना मुंबई में कोई भूखे पेट सो नही सकता,क्योंकि यहाँ वडा़पाव जैसे प्रकार 5 रुपये से लेकर 10 रुपये तक मिल जाते है जिन्हे खाकर इंसान अपनी भूख मिटा सकता है। मेरे ससुर जी को इन पावों की इतनी आदत थी की वो आदत मेरे मुंबई आने के बाद से छूटी। सुबह-शाम नाश्ते में खाने में वे इसे ही खाते थे। गरम-गरम पाव बेकरी में बनते ही बिकना चालू और खाना भी। हमारे घर के नज़दीक होने के कारण उसकी खुशबू भूख बढा़ देती है। यहाँ मिलने वाले पाव बाकी states में मिलने वाले पाव से taste में अलग होते है। इनमें मिठास कम होती है और ये ज्यादा fluffy नहीं होते। बाहर जो पाव मिलते है वो Bread से मिलते-जुलते taste के होते है जिन्हें "पाव भाजी" में खाना taste को बिगाडने के अलावा कुछ नहीं। इसीलिए तो यहाँ की चौपाटियों की पाव भाजी इतनी famous है। Pc:google #yqbaba #yqdidi