एक नारी थी भगवान ने जिसे एक समान बनाया था पर समाज ने उसे वो हक क्यों नहीं दिया क्यों की वह एक नारी थी जुर्म तो होते रहे पर उनका शिकार वह क्यों बनती रही क्यों की वह एक नारी थी समाज में बोलने का हक तो सबका था पर उसकी आवाज़ क्यों दबा देते थे क्यों की वह एक नारी थी माँ दुर्गा का रूप थी फिर भी वह अत्याचार क्यों सहती रही क्यों की वह एक नारी थी …... --- विराज मंड्रेकर #ek nari thi#first kavita#