उम्र थी खेलने की , हाथों में खिलौनों को थामने की हंसते हुए मुस्कुराते हुए जीवन जीने की पर हाथ में खिलौनों की जगह मिट्टी की ईटें , हंसते हुए मुस्कुराते हुए चेहरे की जगह माथे पर पसीने की बूंदे कोमल हृदय तार-तार हुआ माथे पर अभाव की लकीरे ही लकीरे मुंह से आहो का शंखनाद हुआ मुंह से आहो का शंखनाद हुआ बचपन सिमटा चंद सिक्कों मैं, आह कैसी लाचारी!! चाह कर भी वह पा ना सके वेदना से भरे इस जीवन पथ पर| #bachpan #aahein #dard #vedna #aishwaryarai #lachari #yqreality #yqdidi I hate child labor. I oppose it.