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बरसात होगी तो फिर बहार आएगी, गुलाब की पंखुड़ियों

बरसात होगी तो
फिर बहार आएगी, 
गुलाब की पंखुड़ियों फिर खिलेंगी 
खेतों की फसलें फिर लहरेंगी
किसानों के बगिया फिर चमकेगी
बरसात होगी तो 
फिर बहार आएगी |
दादी माँ कजरी के गीत फिर गायेगी 
बागों मे मोरनी फिर थीरकेगी 
कोयल मधुर संगीत फिर गुनगुनाएगी 
बरसात होगी तो 
फिर बहार आएगी ||
झरने की धारा फिर बहेगी 
सागर की नदियाँ फिर लहरेंगी 
पेड़ों की अमिया फिर पकेगी 
चमकती बाजार फिर सजेगी 
बरसात होगी तो 
फिर बहार आएगी |
कृष्ण की बांसुरी फिर बजेगी 
राधा की सखियाँ फिर नाचेंगी 
रुद्रा की कविता फिर सुलझेगी 
बरसात होगी तो 
फिर बहार आएगी || बरसात होगी तो
फिर बहार आएगी.....
बरसात होगी तो
फिर बहार आएगी, 
गुलाब की पंखुड़ियों फिर खिलेंगी 
खेतों की फसलें फिर लहरेंगी
किसानों के बगिया फिर चमकेगी
बरसात होगी तो 
फिर बहार आएगी |
दादी माँ कजरी के गीत फिर गायेगी 
बागों मे मोरनी फिर थीरकेगी 
कोयल मधुर संगीत फिर गुनगुनाएगी 
बरसात होगी तो 
फिर बहार आएगी ||
झरने की धारा फिर बहेगी 
सागर की नदियाँ फिर लहरेंगी 
पेड़ों की अमिया फिर पकेगी 
चमकती बाजार फिर सजेगी 
बरसात होगी तो 
फिर बहार आएगी |
कृष्ण की बांसुरी फिर बजेगी 
राधा की सखियाँ फिर नाचेंगी 
रुद्रा की कविता फिर सुलझेगी 
बरसात होगी तो 
फिर बहार आएगी || बरसात होगी तो
फिर बहार आएगी.....