बरसात होगी तो फिर बहार आएगी, गुलाब की पंखुड़ियों फिर खिलेंगी खेतों की फसलें फिर लहरेंगी किसानों के बगिया फिर चमकेगी बरसात होगी तो फिर बहार आएगी | दादी माँ कजरी के गीत फिर गायेगी बागों मे मोरनी फिर थीरकेगी कोयल मधुर संगीत फिर गुनगुनाएगी बरसात होगी तो फिर बहार आएगी || झरने की धारा फिर बहेगी सागर की नदियाँ फिर लहरेंगी पेड़ों की अमिया फिर पकेगी चमकती बाजार फिर सजेगी बरसात होगी तो फिर बहार आएगी | कृष्ण की बांसुरी फिर बजेगी राधा की सखियाँ फिर नाचेंगी रुद्रा की कविता फिर सुलझेगी बरसात होगी तो फिर बहार आएगी || बरसात होगी तो फिर बहार आएगी.....