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बिना आत्म साक्षात्कार के सेवा संभव नहीं आत्म साक्ष

बिना आत्म साक्षात्कार के सेवा संभव नहीं आत्म साक्षात्कार से पहले तो स्वार्थ ही संभव है सेवा असंभव है
क्यूंकि आत्म साक्षात्कार से ही पता चलता है इस जगत में मैं  ही हूं दूसरा कोई नहीं जो दूसरा है वह भी मैं ही हूं
यानी स्वयं के अंदर प्रेम की क्रांति  का पैदा हो जाना
और तब केवल सेवा ही संभव है ।

©Himanchal Gupta
  #Spirituality