सोचना बेकार है उस बात का जिसके समाधान का कोई मतलब नहीं। हर बार सितम खुद पर करना कोई होशियारी नही खुद को उठाना हर दिन जीने के बराबर है। कोई कहे या ना कहे तुम खुद को हमेशा प्राथमिकता देना क्योंकि हर कोई आपको चमकता देखना नहीं चाहता। तुम खुद से रोज नई उम्मीद लगाना और इस कदर लगाना कि तुम पीछे मुड़ न पाओ और हमेशा खुद को देखकर मुस्कुरा पाओ। तुम हो हां शायद बेहद अकेले पर तुम खुद में परिपूर्ण हो तुममें ही सब है अगर सोचो तो सच है खोजों तो सब तुमसे ही जुड़ा है । ©–Varsha Shukla #seashore#ekdamkhudkeliye