इश्क वो मर्ज है की दवा ही नहीं कोई, मेरे मोहब्बत की गवाही नहीं कोई, भुलाऊं तो भुलाऊं उसे कैसे उसके जैसे खुदा ने बनाई ही नहीं कोई, मेरी मोहब्बत अब नाम है उसके ही उसके नाम की दिल में रहती है तन्हाई कोई, उसे भूलना उस कदर मुस्किल है जैसे अंधेरे में ढूंढना परछाई कोई।। ©Mauryavanshi Veer #Mauryavanshi #Veeer #A #MereKhayaal