दिल -ए-तिजोरी मे रखकर ,किसी की यादों को, अब हिफाज़त नहीं करता l मैं खुदसे थक चूका हूँ इतना की, अब बगावत नहीं करता l कई दफा रोइ है ,साँथ मेरे घर की दीवारें भी ! कोई लाख सितम करे तब भी, अब शिकायत नहीं करता l छोटे शायर #shikayatnahikarta