Mumbai Rains खुले थे बटन कमीज के और पेंट निकाल जाना था बचपन वाली उस बारिश की याद ना दिला ऐ खुदा वो इस मतलबी दुनिया के गम नाम से दूर खुशीयों से भरा जमाना था बना कर चलाते थे नाव कागज की जो गलियों में उस बिजनेस का ये दिल दिवाना था जय सिहं वर्मा हरियाणवी 7533070918