Safar माना कि जिंदगी के रास्ते अपने वास्ते नहीं चलते लेकिन मेरे जीने का अंदाज़ भी तेरे वास्ते नहीं बदलते कुछ राज है तेरे आज भी जो तेरे जाने की बाद भी नहीं सुलझे। विनोद कुमार गिरि