मेरी कहानियों का रंग थोड़ा फीका पड़ गया तू जो चली गई कमबख्त हर अंग डिला पड़ गया तुझे देख भर लेने से जिंदगी हसीन हो जाती थी अब सांसों को भी अटकलों में जीना पड़ गया तू जो चली गई मुस्कान होती थी कभी चेहरे पे हमारे अब इन होंठो को भी सीना पढ़ गया तू जो चली गई ... ©Drx. Mahesh Ruhil #paper Beena dhyan mira Black heart