#डर गरीबी ह रोग ई कबहूँ ना जाई कुर्सी के खेल मे हरदम,बेचायी गरीबी................।। गरीबी के जीवन शापीत बुझाला गरीबी के नाव पे इज्जत बेचाला जनवादी सोच मे फासीजम बेचायी गरीबी ह रोग ई कबहूँ ना जाई सौदा होला रोज पेट आ बदन के हत्या होला रोज नाम पे दहेज के जीवन ह भ्रम नाहीं लोभ के मिटायी गरीबी ह रोग ई कबहूँ ना जाई मासुम जुबान के गूंगा बनाके तार तार होला परदा दुवारी के बाटे भरम की दुशाषन मरायी गरीबी ह रोग ई कबहूँ ना जाई राजीव #samandar speaks खुशवंत Shivansh Mishra Anant