आंँसू करे पुकार (करूण रस) (पिताजी काश !....आप आ जाते एक बार) यादें पुरानी सोच रहे आंँसुओं ने लिया पथ पखार, यादें अंतर्मन झिंझोर रही,जाने क्यों कंठित हुआ भार। बचपन का प्यार चाहिए मुझे वहीं चाहिए दुलार, तुम भी अकेले हैं मुझे फिर से चाहिए लाड़ दुलार। हंस उठे आर्द नयन,बीते लम्हे याद आए बार बार, मेरे आंँसू करे पुकार काश आप आ जाते हैं इस बार। हृदय तट पर आघात हुआ लुट गया संचित विराग, या तो आजाओ मेरे पास जाओ या मैं भी धार लूँ वैराग। यादों के साए गहराते होठों पर घुल जाता है विषाद, खुशियां घर आंगन हो सबके ईश्वर से मांगू यही मुराद। Howdy Writers ❣️. Collab on this beautiful bg :)😉 #TPblankbg730 tpblankbgs #theprompter #yqtheprompter life #ove #tp030321 Happy Collaboration 🎉 #YourQuoteAndMine Collaborating with The PROMPTER #czरस