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"आपकी याद मुझे बहुत आती है....." एक कमरे से दूसरे

"आपकी याद मुझे बहुत आती है....."

एक कमरे से दूसरे कमरे तक खुदको लेकर में पूरी तरह नही जा पाती ,
पापा मैं आपको अपने दिल की अब क्यों नही बता पाती,
याद है पापा आप जब स्कूल छोड़ने जाया करते थे,
और मुझे मेरी फेवरेट पेस्ट्री खिलाया करते थे,
मेरे कहे बिना ही मुझे हमेशा चॉकलेट्स दिलाया करते थे,
याद है पापा आप जब मुझे कांधे पर 
बिठाकर दुनिया दिखाया करते थे,
याद है पापा जब आपने मुझे मेरी पहली किताब पकराई थी, 
क ख ग घ सीखने में मैंने आपकी कितनी मार खाई थी,
मुझे कम ही बोलना आता था 
और मेरा कम बोलने से अक्सर 
मेरे मन का मन में ही रह जाता था ,
पर मुझे याद है पापा की फिर भी आपको 
सबकुछ समझ तब आ ही जाता था .....
खिलौने की दुकान पर ना ठहर कर हमेशा 
से मेरा किताबों कलम और पेंसिल बॉक्स से दिल लग जाता था ,
आपको याद है पापा वो पहला 
पेंसिल बॉक्स जो मुझे कितना भाता था,
आज आपके और मेरे बीच में दीवारें क्यों इतनी है,
हमेशा भरते रहते है फिर भी दरारें क्यों इतनी हैं,
आपकी बातें अब क्यों चुभ जाती है ,
आप डांटते है उसे तकलीफ नही होती 
आप समझते नही जब की आपकी बेटी क्या चाहती है,
तो आपकी बेटी चुप हो जाती है,
आपको लगता है मुझे पैसा या 
कोई बड़ा खिलौना चाहिए ये बात सताती है , 
पापा कभी कभी आप अगले कमरे में होते हैं, पर आपकी याद मुझे बहुत आती है।  Good morning!!!!!
#yqdidi #yqdada #yqbaba #yqhindi #yqhindiwriters #mywritingmywords #mywritingmythoughts #papa
"आपकी याद मुझे बहुत आती है....."

एक कमरे से दूसरे कमरे तक खुदको लेकर में पूरी तरह नही जा पाती ,
पापा मैं आपको अपने दिल की अब क्यों नही बता पाती,
याद है पापा आप जब स्कूल छोड़ने जाया करते थे,
और मुझे मेरी फेवरेट पेस्ट्री खिलाया करते थे,
मेरे कहे बिना ही मुझे हमेशा चॉकलेट्स दिलाया करते थे,
याद है पापा आप जब मुझे कांधे पर 
बिठाकर दुनिया दिखाया करते थे,
याद है पापा जब आपने मुझे मेरी पहली किताब पकराई थी, 
क ख ग घ सीखने में मैंने आपकी कितनी मार खाई थी,
मुझे कम ही बोलना आता था 
और मेरा कम बोलने से अक्सर 
मेरे मन का मन में ही रह जाता था ,
पर मुझे याद है पापा की फिर भी आपको 
सबकुछ समझ तब आ ही जाता था .....
खिलौने की दुकान पर ना ठहर कर हमेशा 
से मेरा किताबों कलम और पेंसिल बॉक्स से दिल लग जाता था ,
आपको याद है पापा वो पहला 
पेंसिल बॉक्स जो मुझे कितना भाता था,
आज आपके और मेरे बीच में दीवारें क्यों इतनी है,
हमेशा भरते रहते है फिर भी दरारें क्यों इतनी हैं,
आपकी बातें अब क्यों चुभ जाती है ,
आप डांटते है उसे तकलीफ नही होती 
आप समझते नही जब की आपकी बेटी क्या चाहती है,
तो आपकी बेटी चुप हो जाती है,
आपको लगता है मुझे पैसा या 
कोई बड़ा खिलौना चाहिए ये बात सताती है , 
पापा कभी कभी आप अगले कमरे में होते हैं, पर आपकी याद मुझे बहुत आती है।  Good morning!!!!!
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seemasharma7192

Seema Sharma

New Creator