चुपके से मिलते है, बातें करते है बगावती, उखडे से वो दिल के है, मुस्काते मगर है बनावटी, एक चिंगारी के जनाब भूखे है, जलने को बेताब मगर सूबे है, आग फैलेगी तो दोष ना देना, सूबों के पहले ही तालाब सूखे है, जिनके लब हिलते है, आँखें भी है दिखावटी, उधडे थे अब सिलते है, मुस्काते मगर है निहायती..।। #upset #anger #rebellion #hindipoetry #hindi #yqbaba #yqdidi