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वो तड़प-तड़प कर मरते रहे फिर भी जय-जयकार तिंरगे की

वो तड़प-तड़प कर मरते रहे
फिर भी जय-जयकार तिंरगे की
करते रहे
वो मासूम थे, बलिदानी थे
शहिदों की अगली पंक्ति में शामिल
वो इतिहास की अमर कहानी थे
किसी की मांग का सिंदूर थे
तो किसी के बुढ़ापे की लाठी थे
किसी के हाथ की राखी थे
कुछ जो परवान भी न चढ़ पाते
वो अधूरी जवानी थे
उनके इस बलिदान का कुछ तो हम 
सम्मान करें
वैमनस्य का बिज बोकर हम
ना अपने इतिहास को बदनाम करे

©Mamta Singh
  शहिदों के मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले वतन पर मिटने वालों का यही बाक़ी निशां होगा...
वतन #जालियनवालाबाग #बलिदान #इतिहास
mamtasingh9974

Mamta Singh

Bronze Star
New Creator
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शहिदों के मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले वतन पर मिटने वालों का यही बाक़ी निशां होगा... वतन #जालियनवालाबाग #बलिदान #इतिहास #समाज

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