हम अप्रैल में ही नही कभी भी बन जाते है फूल। क्योंकि अपनी सभ्यता, संस्कृति को हम रहे है भूल। पहचानों स्वयं को,स्वयं के वेदो और उपनिषदो को। बेवकूफ तो हम बने-बनाए छोड़ रहे है अपनी मूल। 1/4/2022 सुधा भारद्वाज"निराकृति" ©सुधा भारद्वाज #aprilfools (#अप्रैल_फूल)