मेरा यकिन करो, की अब तुम्हारे यकिन की मै मोहताज नही, यकिन करो, की जिसमे तुम बना सको मकबरा मेरे स्वाभिमान का, मै अब वो ताज नही।। मेरा यकिन करो। यकिन करो की ये शब्द चुभता है मुझे अब काटों की तरह, तो तुम रूठ जाओ या टुट जाओ, अब मुझे लिहाज़ नहीं।। मेरा यकिन करो। कर सकोगे यकिन के तेरे नस नस मे तो बेयकिनी का जहर दौड़ रहा है जाने कब से, तो करो एक नाकामयाब कोशिश ये भी कम्बखत, की अब तुम्हारे यकिन की मै मोहताज नही।। मेरा यकिन करो। इतना तो यकिन किया होगा कभी की वो बेवफा थी पर बूरी नही थी, खैर ख्वाह तो रही होगी, तो एक आखरी कोशिश कर लेना यकिन का ए गुज़रा हुआ वक़्त, की रिश्तों में यकिन किया नही जाता, होता है उसके वज़ूद में रूह की तरह।। अब ना करना हो यकिन तो मत करो ज़नाब, की अब तुम्हारे यकिन की मै मोहताज नही।। Suman 'meaun' मेरा यकिन करो।। #lafzzindagikimerikalamse #MyPoetry #Love #Trust #Relationship #me #meaun #Freedom Sanoj Karishma chaurasiya N¡KK¡ ¥AdA√