Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैं लाख कह दूँ आकाश हूँ ज़मीं हूँ मैं मगर तुझे तो

मैं लाख कह दूँ आकाश हूँ ज़मीं हूँ मैं
मगर तुझे तो ख़बर है कि कुछ नहीं हूँ मैं

अजीब लोग हैं, मेरी चाहत में मुझको
 ढूँढ़ रहे हैं वहां
 जहाँ नहीं हूँ मैं

तलाश न कर मेरी 
ज़मीन-ओ-आसमाँ की गर्दिश में
जो तेरे "मन" में नहीं , तो कहीं नहीं हूँ मैं। 
🌹 🌹 🌹 #गर्दिश
मैं लाख कह दूँ आकाश हूँ ज़मीं हूँ मैं
मगर तुझे तो ख़बर है कि कुछ नहीं हूँ मैं

अजीब लोग हैं, मेरी चाहत में मुझको
 ढूँढ़ रहे हैं वहां
 जहाँ नहीं हूँ मैं

तलाश न कर मेरी 
ज़मीन-ओ-आसमाँ की गर्दिश में
जो तेरे "मन" में नहीं , तो कहीं नहीं हूँ मैं। 
🌹 🌹 🌹 #गर्दिश