मैं लाख कह दूँ आकाश हूँ ज़मीं हूँ मैं मगर तुझे तो ख़बर है कि कुछ नहीं हूँ मैं अजीब लोग हैं, मेरी चाहत में मुझको ढूँढ़ रहे हैं वहां जहाँ नहीं हूँ मैं तलाश न कर मेरी ज़मीन-ओ-आसमाँ की गर्दिश में जो तेरे "मन" में नहीं , तो कहीं नहीं हूँ मैं। 🌹 🌹 🌹 #गर्दिश