शिलाएं घीच जाती हैं,रस्सियों से, तु लोहा हैं,रुक मत... कड़वाहट ज़रूर रख़ जुबां पे, उसे ज़हर समझ कर,थूक मत...! ©Devrajsolanki #Motivation #sher #Shayari #Poetry #devrajsolanki