नहीं – अब वहाँ अर्थ खोजना व्यर्थ है पेशेवर भाषा के तस्कर-संकेतों और बैलमुत्ती इबारतों में अर्थ खोजना व्यर्थ है हाँ, अगर हो सके तो बगल के गुज़रते हुए आदमी से कहो – लो, यह रहा तुम्हारा चेहरा, यह जुलूस के पीछे गिर पड़ा था इस वक़्त इतना ही काफ़ी है #kavita #dhumil #kavita #Dhumil #still