कृष्णा कृष्ना मोरे मुकुंदा... कोई कहे राम ओ घनशाम मोर मुकूटधारी मुकुंदा, तू ही कृष्णा तू हरे राम.... मन का राजा दिल का तुकाड़ा तू, ही राघव तू ही शाम... हातो में बसरी मोहनी सूरत, राधा का मतवाला शाम...... माखन चोरी मटकी फोड़ी, ओ यशोदा का हे लाल.... प्रेम की मूरत मोहनी सूरत, मीरा की भक्ति का जवाब..... मेरी भी सुनले दर्शन दे दे ,अखियो में बसाले शाम... तेरे बिना और कोई न मेरा ,हर मुश्किल में तेरा ही नाम.... कोई भी उलजन आए हम पे ,तू ही रक्षा करियो शाम.... ©Anokhi Krishna #bhakti #krishna