चुप हो जाते हैं ख्वाब , अब और कुछ कह नहीं सकते । खामोश होना पड़ता है उसका जवाब सुनकर , सवाल यही है अब सवाल कर नहीं सकते राही, रास्ते और मंजिल सबकी अपनी- अपनी मर्जी है, अब सबको अपने साथ हम कर नहीं सकतेl ©Akasi #akasiTime #khaab #Kaha Deepshikha ojha ( Bihari + Banarsi) Hiyan Kiran Chopda mannu nagar