कब से पड़ी है बंजर इस दिल की जमी कोई आके गुलशन बना दे इसे | मैं पन्नों पर लिखता हूं ख्वाहिश मेरी कोई आके सीने से लगा ले मुझे || होती नहीं है इस दिल की जुबां वरना ये दिल भी कहकर बता दे तुझे | मैं पन्नों पर लिखता हूं ख्वाहिश मेरी कोई आके सीने से लगा ले मुझे || seene se laga le mujhe