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ये कैसी आज़ादी??? पद्मावती का जौहर कवि की काल्पना

ये कैसी आज़ादी???

पद्मावती का जौहर कवि की काल्पना, राणा सांगा का नाम कहीं गायब हो गया।
वीर विनायक सावरकर का तेज धूमिल,महाराणा प्रताप पाठ्यक्रम से बाहर हो गया।

शहीद भगत का वो मान ना बाकी रहा, और पटेल का सम्मान कहीं गायब हो गया।
स्वतन्त्रता संग्राम को भूला हर कोई, देशभक्ति अब फैलता "poison" हो गया।

राष्ट्र गान और गीत बहस के मुद्दे,सेना पे कटाक्ष यहां आम हो गया, 
हिन्द में तिरंगा फहराना चुनौती सा,हिन्दी बोलना तुच्छ, और हिन्दु आतंकवाद हो गया।

राम का न मानने वाले जनेऊ-धारी शिव-भक्त ब्राम्हण, हिन्दुत्व का अपमान यहां "cool" हो गया।
त्यौहारों पर प्रतिबन्ध लगाना कोर्ट का इकलौता काम, प्रधान सेवक को अपशब्द कहना "fashion" हो गया।

इतिहास का कारखाना "Bollywood" और, "Hero" देश के टुकड़े हो चिल्लाने वाला हो गया।
कुछ भी चुना तो Democracy, पर कमल चुना तो "EVM Hack" हो गया।

दहेज और ऐसिड पीड़ितों को अभी तक आराम नहीं, "Molestation" प्रसिद्ध होने का तरीका हो गया।
जो पत्रकारिता कभी सबसे बड़ी ताकत थी, आज बस बिकाऊ मीडिया हो गया।

देश का खा कर देश में पढ़ कर, विदेश में "settle" होना इकलौता सपना रह गया???
 छोटी-बड़ी हर बात को "social media" पर लेकर, अपने ही वतन को कोसना "IN" हो गया?????


कश्मीरी पण्डितो की अपना आशियाना नही, पर रोहिंग्याओ को बसाना जरुरी हो गया।
इन सबका विरोध करने वाला "intolerant" हो गया, वाह मेरा भारत अब "Smart India" हो गया।

अच्छा हुआ "अनपढ़" स्वतंत्रता सेनानी अब नहीं रहे, वर्ना हम पढ़े लिखों ने उनका मान भी गिराया होता।
विदेशीयों को आदर्श मानने वाले "modern" लोगों ने, उन्हें भी शायद "terrorist" ही बताया होता।

ये कैसी आज़ादी है??? ये कहां आ गए हैं हम?? क्या इसलिए आजादी दिलाई थी हमें?? 
अभी तो बस देवी को "sexy" किया है, देखते है अब आगे आगे होता है क्या क्या ????
ये कैसी आज़ादी???

पद्मावती का जौहर कवि की काल्पना, राणा सांगा का नाम कहीं गायब हो गया।
वीर विनायक सावरकर का तेज धूमिल,महाराणा प्रताप पाठ्यक्रम से बाहर हो गया।

शहीद भगत का वो मान ना बाकी रहा, और पटेल का सम्मान कहीं गायब हो गया।
स्वतन्त्रता संग्राम को भूला हर कोई, देशभक्ति अब फैलता "poison" हो गया।

राष्ट्र गान और गीत बहस के मुद्दे,सेना पे कटाक्ष यहां आम हो गया, 
हिन्द में तिरंगा फहराना चुनौती सा,हिन्दी बोलना तुच्छ, और हिन्दु आतंकवाद हो गया।

राम का न मानने वाले जनेऊ-धारी शिव-भक्त ब्राम्हण, हिन्दुत्व का अपमान यहां "cool" हो गया।
त्यौहारों पर प्रतिबन्ध लगाना कोर्ट का इकलौता काम, प्रधान सेवक को अपशब्द कहना "fashion" हो गया।

इतिहास का कारखाना "Bollywood" और, "Hero" देश के टुकड़े हो चिल्लाने वाला हो गया।
कुछ भी चुना तो Democracy, पर कमल चुना तो "EVM Hack" हो गया।

दहेज और ऐसिड पीड़ितों को अभी तक आराम नहीं, "Molestation" प्रसिद्ध होने का तरीका हो गया।
जो पत्रकारिता कभी सबसे बड़ी ताकत थी, आज बस बिकाऊ मीडिया हो गया।

देश का खा कर देश में पढ़ कर, विदेश में "settle" होना इकलौता सपना रह गया???
 छोटी-बड़ी हर बात को "social media" पर लेकर, अपने ही वतन को कोसना "IN" हो गया?????


कश्मीरी पण्डितो की अपना आशियाना नही, पर रोहिंग्याओ को बसाना जरुरी हो गया।
इन सबका विरोध करने वाला "intolerant" हो गया, वाह मेरा भारत अब "Smart India" हो गया।

अच्छा हुआ "अनपढ़" स्वतंत्रता सेनानी अब नहीं रहे, वर्ना हम पढ़े लिखों ने उनका मान भी गिराया होता।
विदेशीयों को आदर्श मानने वाले "modern" लोगों ने, उन्हें भी शायद "terrorist" ही बताया होता।

ये कैसी आज़ादी है??? ये कहां आ गए हैं हम?? क्या इसलिए आजादी दिलाई थी हमें?? 
अभी तो बस देवी को "sexy" किया है, देखते है अब आगे आगे होता है क्या क्या ????