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तन्हाई का न अब जिक्र होगा मुझे तो अब इश्क सुनाना

तन्हाई का न अब जिक्र होगा 
मुझे तो अब इश्क सुनाना है सुबह की पहली किरण सा 
नया सवेरा लाना है 
फासलों की न अब फिक्र होगी मुझे तो अब हर जगह 
तुम्हे पाना है सुरज की रोशनी सा हर कण रोशनाना है
कोशिशें न अब आम होगी मुझे तो अब हद की हद 
तक जाना है सूरज जैसे खुद जल कर धरती पे जीवन 
जगाना है

©Rajender
  #Sunrise 
#formotionheart