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रात्रि के तम में फैल जाते कण कणों में दे जाते असी


रात्रि के तम में
फैल जाते कण कणों में
दे जाते असीम,अप्रतिम सुवास
गूँजती प्रतिध्वनि जिसकी
वो है
गुज़रे वक़्त की पदचाप
मौन नहीं,वाचाल नहीं,
अनुभूति प्रेम की प्रथम
बसे हृदय तल चुपचाप
पुष्पित होता रहे बस
जैसे प्रफुल्ल गुलाब....
     #वाचाल #पदचाप #सुवास #yqdidi #yqhindi

रात्रि के तम में
फैल जाते कण कणों में
दे जाते असीम,अप्रतिम सुवास
गूँजती प्रतिध्वनि जिसकी
वो है
गुज़रे वक़्त की पदचाप
मौन नहीं,वाचाल नहीं,
अनुभूति प्रेम की प्रथम
बसे हृदय तल चुपचाप
पुष्पित होता रहे बस
जैसे प्रफुल्ल गुलाब....
     #वाचाल #पदचाप #सुवास #yqdidi #yqhindi